Generally Speaking
Tuesday, 28 January 2025
डाकुओं वाली फ़िल्में अब क्यों नहीं बनतीं?
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मैंने एक सिने-आलोचक से पूछा कि भाई आजकल डाकूवाली फ़िल्में क्यों नहीं बनतीं? आलोचक मित्र बोले डाकूवाली फ़िल्मों से आपका क्या तात्पर्य है? मैं...
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Sunday, 19 January 2025
साहब की घंटी और पश्चात्ताप (अर्थात्, अब मैं कालूराम)
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आपने सरकारी साहबों के तामझाम के क़िस्से तो सुने ही होंगे। उनके टेबल पर लगी घंटी का साहब की शान में बड़ा योगदान होता ...
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