Saturday, 10 May 2014

बॉस की शिकायत

(सच्ची घटना पर आधारित)

एक बार मेरे एक बॉस ने मुझसे पूछा, "सुना है तुम पीठ पीछे मेरी शिकायत करते हो।"

मैंने तपाक से उत्तर दिया, "जी सर, करता हूँ।"

बॉस अवाक रह गये। सोचा होगा, मैं ना नुकुर करूँगा, बचाव में कुछ बोलूँगा, फिर वे मुझे हड़काएँगे और मैं दुम दबाकर माफ़ी मांगूगा, अहा कितना मज़ा आएगा!

पर बेचारे बॉस की योजना धरी की धरी रह गयी, जब मैंने कह ही डाला कि मैं उनकी पीठ के पीछे उनकी शिकायत करता हूँ। बॉस असंतुलित हो गये। फिर अपने आप को संभाला और दहाड़े, "क्या?"

उनका अनुमान था कि मैं दुबक जाउँगा और वे अपना टूटा सपना फिर से जोड़ पायेंगे। पर ऐसा कुछ नहीं हुआ।

मैंने कृत्रिम भोलेपन से कहा, "लेकिन सर, ऐसा तो आप भी करते होंगे न, अपने बॉस की बुराई, उनकी पीठ के पीछे?"

इससे पहले कि निरुत्तर बॉस फिर अपने आप को संभालें, मैंने वहाँ से खिसकने में ही अपनी भलाई समझी।