पिछली बार, जब रामचंद्र जी लंका से आये थे तब ऐसी दीवाली मनाई गई थी। इस बार छोटा राजन जी के स्वदेश-आगमन पर दीपोत्सव की तैयारियॉं हैं।
छोटा राजन ने अपने आपको गिरफ़्तार करने दिया, बड़ी मेहरबानी। छोटा राजन से मिलने इंडोनेशिया में अवस्थित भारतीय दूतावास के अधिकारी जेल गये। वही अधिकारी, जो दूतावास कार्यालय में सहायता के लिये गये भारतीय नागरिकों से सीधे मुँह बात तक नहीं करते, छोटा राजन से सींखचों के पीछे गुफ़्तगू करके आह्लादित हुए। घर आए तो पत्नी और बच्चों ने ऐसा स्वागत किया जैसे कि राजनयिक महोदय रणथंभोर का क़िला फ़तह करके आए हों।
"पापा, पापा, छोटा राजन ने कौन से रंग की टीशर्ट पहनी थी? टी वी पर तो पिंक लग रही थी, पर मैं सोच रही थी कि मरून होगी। आख़िर इतना मैचो आदमी पिंक क्यों पहनेगा भला?" बिटिया ने पूछा।
"और, पापा," राजनयिक का बेटा बोला, "छोटा राजन अंकल आपसे क्या बोले? यू मीन, उन्होंने आपसे डायरेक्ट बात की, फ़ेस टू फ़ेस? आप डरे तो नहीं, मेरे बहादुर पापा?"
तभी बच्चों की मम्मी बोल पड़ीं, "अरे नहीं बेटा, तुम्हारे पापा ऐसे छोटे-मोटे राजनों से डरने वाले थोड़े ही है! और सुनो जी, मोटे से याद आया, तुम्हें ऐसा नहीं लगा कि मिस्टर स्मॉल राजन ने थोड़ा वेट गेन कर लिया है? सुना है स्ट्रेस में ऐसा होता है।"
साहब बोले, "चलो, अब घर का खाना मिलेगा तो मिस्टर राजन की हेल्थ फिर सुधर जाएगी। वे बोल भी रहे थे कि ऑस्ट्रेलियाई बेस्वाद भोजन उन्हें बिलकुल सूट नहीं करता।"
बेटा झट से बोला, "हॉं मम्मी, छोटा राजन अंकल के लिये आर्थर रोड जेल में स्पेशल इंतज़ाम हो रहे हैं।"
मम्मी - तुझे कैसे पता?
बेटा - आज ही तो अर्नब अंकल बोल रहे थे, टी वी पर।
मम्मी अपने सपूत के जेनरल नॉलेज पर गर्व से फूल उठीं। पर बोलीं, "बेटा, तुम किसी को भी अंकल बोलने लगते हो। छोटा राजन जी की बात और है, पर ये अर्नब गोस्वामी कबसे तुम्हारा अंकल हो गया?"
फिर मैडम थोड़ा शर्माकर बोलीं, "सुनो जी, वो डिप्टी चीफ़ ऑफ़ मिशन की वाइफ़ मिसेज़ शर्मा बता रहीं थीं कि वो भी मिस्टर छोटा राजन से मिलकर आई हैं। तुम मुझे भी ले चलते तो कितना अच्छा रहता!"
साहब थोड़ा संकुचित हो गये और बोले, "दरअसल मुझे जल्दी में दफ़्तर से ही जेल जाना पड़ा। शर्मा जी तो घर जाकर कपड़े-वपड़े बदल कर गये, ऑकेज़न ही ऐसा था। तभी लग गई होंगी मिसेज़ शर्मा भी उनके साथ। अब तो कुछ हो भी नहीं सकता क्योंकि कल सुबह की फ्लाइट से ही छोटा राजन जी भारत जा रहे हैं।"
बेटा अपना सामान्य ज्ञान बधारते हुए बोला, "हॉं मम्मी, इंडिया से सी बी आई के बहुत सारे अंकल आए हैं राजन अंकल को रिसीव करने। सुना है कल उन लोगों ने बाली के किसी नाइट क्लब पर रेड भी डाली थी।"
मैडम बोलीं, "जाने दो, कोई बात नहीं। वैसे भी ये तो छोटा राजन था। लेकिन जब बड़ा राजन पकड़ा जाए तब याद रखना। सबसे पहले मैं जेल जाऊँगी।"
साहब ने बात गाँठ बाँध ली थी और फ़िर से चाय की चुस्कियाँ लेने लगे थे।
छोटा राजन ने अपने आपको गिरफ़्तार करने दिया, बड़ी मेहरबानी। छोटा राजन से मिलने इंडोनेशिया में अवस्थित भारतीय दूतावास के अधिकारी जेल गये। वही अधिकारी, जो दूतावास कार्यालय में सहायता के लिये गये भारतीय नागरिकों से सीधे मुँह बात तक नहीं करते, छोटा राजन से सींखचों के पीछे गुफ़्तगू करके आह्लादित हुए। घर आए तो पत्नी और बच्चों ने ऐसा स्वागत किया जैसे कि राजनयिक महोदय रणथंभोर का क़िला फ़तह करके आए हों।
"पापा, पापा, छोटा राजन ने कौन से रंग की टीशर्ट पहनी थी? टी वी पर तो पिंक लग रही थी, पर मैं सोच रही थी कि मरून होगी। आख़िर इतना मैचो आदमी पिंक क्यों पहनेगा भला?" बिटिया ने पूछा।
"और, पापा," राजनयिक का बेटा बोला, "छोटा राजन अंकल आपसे क्या बोले? यू मीन, उन्होंने आपसे डायरेक्ट बात की, फ़ेस टू फ़ेस? आप डरे तो नहीं, मेरे बहादुर पापा?"
तभी बच्चों की मम्मी बोल पड़ीं, "अरे नहीं बेटा, तुम्हारे पापा ऐसे छोटे-मोटे राजनों से डरने वाले थोड़े ही है! और सुनो जी, मोटे से याद आया, तुम्हें ऐसा नहीं लगा कि मिस्टर स्मॉल राजन ने थोड़ा वेट गेन कर लिया है? सुना है स्ट्रेस में ऐसा होता है।"
साहब बोले, "चलो, अब घर का खाना मिलेगा तो मिस्टर राजन की हेल्थ फिर सुधर जाएगी। वे बोल भी रहे थे कि ऑस्ट्रेलियाई बेस्वाद भोजन उन्हें बिलकुल सूट नहीं करता।"
बेटा झट से बोला, "हॉं मम्मी, छोटा राजन अंकल के लिये आर्थर रोड जेल में स्पेशल इंतज़ाम हो रहे हैं।"
मम्मी - तुझे कैसे पता?
बेटा - आज ही तो अर्नब अंकल बोल रहे थे, टी वी पर।
मम्मी अपने सपूत के जेनरल नॉलेज पर गर्व से फूल उठीं। पर बोलीं, "बेटा, तुम किसी को भी अंकल बोलने लगते हो। छोटा राजन जी की बात और है, पर ये अर्नब गोस्वामी कबसे तुम्हारा अंकल हो गया?"
फिर मैडम थोड़ा शर्माकर बोलीं, "सुनो जी, वो डिप्टी चीफ़ ऑफ़ मिशन की वाइफ़ मिसेज़ शर्मा बता रहीं थीं कि वो भी मिस्टर छोटा राजन से मिलकर आई हैं। तुम मुझे भी ले चलते तो कितना अच्छा रहता!"
साहब थोड़ा संकुचित हो गये और बोले, "दरअसल मुझे जल्दी में दफ़्तर से ही जेल जाना पड़ा। शर्मा जी तो घर जाकर कपड़े-वपड़े बदल कर गये, ऑकेज़न ही ऐसा था। तभी लग गई होंगी मिसेज़ शर्मा भी उनके साथ। अब तो कुछ हो भी नहीं सकता क्योंकि कल सुबह की फ्लाइट से ही छोटा राजन जी भारत जा रहे हैं।"
बेटा अपना सामान्य ज्ञान बधारते हुए बोला, "हॉं मम्मी, इंडिया से सी बी आई के बहुत सारे अंकल आए हैं राजन अंकल को रिसीव करने। सुना है कल उन लोगों ने बाली के किसी नाइट क्लब पर रेड भी डाली थी।"
मैडम बोलीं, "जाने दो, कोई बात नहीं। वैसे भी ये तो छोटा राजन था। लेकिन जब बड़ा राजन पकड़ा जाए तब याद रखना। सबसे पहले मैं जेल जाऊँगी।"
साहब ने बात गाँठ बाँध ली थी और फ़िर से चाय की चुस्कियाँ लेने लगे थे।
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मम्मीने पुछा, राजन चाचाने कोई investment की ऑफर बताई?
ReplyDeleteकटाक्ष बहुत बढ़िया लगा...
ReplyDeleteऔर ऊपर वाली टिप्पणी भी वाजिब लगी....investment की ऑफर वाली... हा हा हा हा ...
आप अपने ब्लॉग पर नियमित आया कीजिए...इंतज़ार रहेगा।
kya baat kahi hai aapne..........sach ke bilkul kareeb............
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